LEUCODERMA
क्या वास्तव में होमियोपैथिक दवाओं का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता ???
होमियोपैथी से झाइयाँ का पूर्ण इलाज संभव
सफेद दाग के होने में अनेक मत हैं। कोई गलत खान-पान को दोष देता है तो कोई किसी Nutrition की कमी को इसके होने के लिए जिम्मेदार मानता है, तो कहीं Poor Immunity का जिक्र किया जाता है और कोई Hereditary को अधिक महत्त्व देता पर अभी तक कुछ Confirm नहीं है। इन सभी Factors के साथ ही Mental stress भी इसके होने के लिए जिम्मेवार हो सकती है।
किसी तरह का अत्यधिक मानसिक तनाव, कोई बहुत गहरा दुःख या सदमा, किसी तरह का बड़ा Financial Loss, कोई Insult या humilation, किसी loved one की death या उससे अलगाव अथवा कोई ऐसी बात जो मन को चुभ जाय और भुलाये न भूले, आदि बातें भी इस बीमारी के होने के लिए पृष्ठभूमि तैयार करती हैं क्योंकि मानसिक तकलीफ का हर बीमारी से गहरा नाता है। हर व्यक्ति, एक Limit तक मानसिक क्षोभ और संताप सह सकता है और उससे ज्यादा होने पर Problem होना स्वाभाविक है।
मिथक (myth)- समाज इस बीमारी
को लेकर लोगों के मन में कई भ्रांतियां बन गयीं हैं। ये त्वचा का एक सामान्य रोग
है पर प्रायः लोग इसकी तुलना कुष्ठ रोग से करके पीड़ित व्यक्ति को हीन भावना से
देखते है। शरीर पर सफ़ेद दाग आ जाने को एक कलंक के रूप में देखकर, इससे प्रभावित
ज्यादातर लोग हताश- निराश रहते हैं। उन्हें लगता है कि जैसे वो समाज से बहिस्कृत
हैं। सफ़ेद दाग लोगों के नजरिये की बीमारी ज्यादा है क्योकि शरीर के कुछ हिस्सों के
सफ़ेद हो जाने से न तो उस व्यक्ति के काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है और न ही
किसी अन्य तरह की दिक्कत पेश आती है। साथ ही ये छूने से भी नही फैलती है। its Non
Contagious disease.
इन
सफेद दागों पर कोई खुजली, दर्द या Secretion नहीं होता और संवेदनशीलता (Senses) भी
सामान्य बनी रहती है। अगर इस से पीड़ित व्यक्ति को चोट या खरोंच लगने से उस स्थान
पर भी White Spot बनने लगे तो समझना चाहिए की रोग तेजी से फ़ैल रहा है।
अगर सफेद दाग के स्थान की त्वचा के बाल, सामान्य रंगत के हैं, मतलब सफेद नही हुएं हैं तो उपचार की संभावना ज्यादा होती है ।
हेयर प्रॉब्लम्स का होमियोपैथिक उपचार
Treatment of
vitiligo-
यद्यपि इसका इलाज इतना आसान नहीं होता है फिर भी Internet पर सफ़ेद दाग के इलाज के लिए
अनेक दवाएँ और घरेलु उपचार देखने को मिल जाते हैं। ऐसे ज्यादातर उपचार में Skin पर
लगाने वाली दवाएँ बताई जाती हैं। यदि ऐसे उपायों
से थोड़ा बहुत तात्कालिक आराम मिल भी जाय तो भी इसमें Recurrence यानि दुबारा होने की
संभावना बनी रहती है।
Homeopathy से सफेद दाग का पूर्ण और स्थाई उपचार है लेकिन अधिक उम्र हो जाने पर इलाज की संभावनाएं घटने लगती है।
सफेद दाग का उपचार करना बहुत आसान नहीं है क्योंकि हर बीमारी में जहाँ अनेक Symptoms मिलते हैं जैसे की तकलीफ कब बढ़ती है, कब कम होती है। किस चीज से बढ़ती- घटती है। मौसम का क्या असर पड़ता है आदि आदि? इसमें ऐसा कुछ भी नहीं मिलता। बस एक सफ़ेद दाग बना है जिसे ठीक करना है अतः इसका उपचार बहुत ही Difficult है।
एक और खास बात जहाँ किसी अन्य रोग में, कुछ दिनों या हफ्ते
के उपचार से कुछ अंतर मिलने लगता है और प्रॉब्लम्स में लाभ स्पष्ट दिखाई देने लगता
है वहीँ सफ़ेद दाग के Case में, जब तक सफ़ेद रंगत में कमी नहीं आएगी तब तक पता ही नहीं
चलेगा की दवा ने काम करना शुरू किया अथवा नहीं। इसमें मरीज और डॉक्टर दोनों को ही
अत्यधिक धैर्य रखने की जरुरत होती है। इस प्रॉब्लम में जरा सा रंगत ठीक होने में
कई महीने लग जाते हैं और बहुत से पेशेंट निराश होकर इलाज छोड़ देते हैं।
ACNE/PIMPLES के इलाज में होमियोपैथी बेहद कारगर
अनेक
गलत विज्ञापनों और खोखले वादों की वजह से लोगों के मन में कई गलत धारणाएँ बैठ गयी
है। सुबह के अख़बार और सोशल मीडिया पर अनेक ऐसे विज्ञापन प्रसारित होते है जो सफ़ेद
दाग को बहुत शीघ्र और जड़ से ठीक करने का सौ प्रतिशत दावा करते हैं। कोई भी
चिकित्सा प्रणाली चाहे वो होमियोपैथी हो, आयुर्वेद, Allopathy ही हो, 100 Percent Success
नहीं होती और न ही कोई फीसिएशन। अतः कोई डॉक्टर किसी भी रोग को ठीक करने का कोई
दावा तो कर ही नहीं सकता।
होमियोपैथी
में Leucoderma को ठीक करने की अनेक दवाएं हैं जिनसे इसके ठीक हो जाने की बहुत सभावनाएं
हैं पर इन सब के ऊपर, होमियोपैथी की सबसे विशेष बात ये है की जब इसके इलाज में कोई
दवा काम नहीं कर रही होती है, तो व्यक्ति के स्वभाव, व्यवहार, विचार और बौद्धिक
स्तर, आदि बातों को ध्यान में रख कर भी होमियोपैथिक दवाएँ दी जाती हैं और leucoderma
सरीखे ऐसे ऐसे Cases जहाँ कोई Symptoms नहीं मिलते, उनका भी उपचार करना संभव हो
जाता है। उपचार करने की ऐसी विशेष व्यवस्था, जिसमें व्यक्ति के व्यक्तित्व को ध्यान
में रखकर इलाज किया जा सकता है, सिर्फ होमियोपैथी में है।
होमियोपैथिक
उपचार से ठीक होने के बाद किसी भी रोग के दुबारा होने की संभावनाएं बहुत कम रहती
हैं। साथ ही होमियोपैथिक दवाओं का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता।
video- which is the best treatment for leucoderma
Medical officer (Hom)
drcpyadav31@gmail.com
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