क्या होमियोपैथी धीरे काम करती है ??? does homeopathy works slowly? by Dr C P Yadav

 हमेशा से सुनते आएं हैं कि होमियोपैथी धीरे धीरे काम करती है। शायद ही कोई हो जिसने होमियोपैथी का ये परिचय न सुना हो। होमियोपैथी के विषय में आखिर इतनी बड़ी भ्रान्ति क्यों है?  

homeopathy work slowly


होमियोपैथी का ये मिथक इसलिए प्रसारित हुआ है क्योंकि अक्सर Patient, होमियोपैथी की ओर रूख तब करता है जब कोई विकल्प नहीं शेष रह जाता, ये सोचकर की कहीं से कोई आराम नहीं मिल रहा तो चलो एक बार होमियोपैथी भी Try करके देख लें। 

इसे भी पढ़ें- होमियोपैथी से किसी भी बीमारी का इलाज नहीं होता है

ऐसी परिस्थितियों में जब अनेक असफल इलाज के बाद बीमारी अत्यधिक Complicated हो चुकी होती है, तो इलाज में समय लगना निश्चित है। ऐसे Incurable Cases ठीक करना तो दूर, इसमें थोड़ी राहत देना ही बड़ी उपलब्धि है। जो बीमारियां असाध्य कह दी जाती हैं और Patient को जीवनभर दवा पर Dependent रहने के लिए छोड़ दिया जाता है उनका भी होमियोपैथी से इलाज संभव है तो कोई कैसे कह सकता है की होमियोपैथी धीरे धीरे काम करती है।

homeopathy work slowly

Leucoderma का सबसे बेहतर इलाज क्या है ?

होमियोपैथिक Medicine का Action, कितना Fast होता है, ये Acute diseases में देखने को मिलता है। Acute disease यानि वो बीमारियां जो महज कुछ दिनों के लिये ही होती हैं जैसे सर्दी जुकाम, Fever, Diarrhea आदि। इन बीमारियों में, जितनी देर में Conventional Medicine का Action शुरू भी नहीं होता, उससे कम समय में होमियोपैथी से आराम मिल चुका होता है। 

कई बार, कुछ मिनटों में ही दवा का असर शुरू हो जाता है। होमियोपैथी से Treatment कराने वाले ऐसे अनेक Patient मिल जायेंगे, जिनको कभी न कभी ये अनुभव जरूर हुआ होगा और वो इस Fastest Action से बहुत आश्चर्यचकित भी हुए होंगे।


homeopathy work slowly


पर ऐसा कम ही हो पता है क्योंकि होमियोपैथी में दवा देने के लिए Physician को बहुत ध्यान और बारीकी से एक-एक Symptoms को सुनना और समझना पड़ता है। 


होमियोपैथी से झाइयाँ का पूर्ण इलाज संभव

यदि Patient के बताने में अथवा Doctor के समझने में कुछ भी कमी रही, तो इलाज से लाभ मिलेगा पर वो Magical Result नहीं मिलेगा, जो होमियोपैथी से मिलना चाहिए। होमियोपैथिक Prescription के लिए एक साथ अनेक बातों का ध्यान रखना होता है, बीमारी के लक्षणों को जानना होता है, साथ ही Patient के स्वभाव, विचार आदि पर भी ध्यान देना पड़ता है अतः गलती होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। 

Mistake, Doctor की रही हो, या पेशेंट की, या फिर परिस्थितियों की But और दोषारोपण हमेशा होमियोपैथी पर जाता रहा है कि इसका Action देर से होता है। अतः ये होमियोपैथी से जुडी एक बड़ी विभ्रांति है।होमियोपैथिक Medicine का Action, बीमारी की जटिलता पर Depend करता है। जो बीमारी बहुत पुरानी और Complicated हो चुकी होती है या जब Patient की Immunity बहुत अधिक घट चुकी होती है मात्र वहीँ पर अधिक समय लगता है, और होमियोपैथिक दवाओं का असर धीरे धीरे होता है।   



Dr C P Yadav 
Medical officer (Hom)
drcpyadav31@gmail.com



No comments:

Post a Comment