इसे भी पढ़ें- होमियोपैथी से किसी भी बीमारी का इलाज नहीं होता है
होमियोपैथिक दवाओं से कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता! ये एक मिथ है जो समाज में प्रसारित हो गया है। जब होमियोपैथिक दवाएँ Action देती है, मतलब परिणाम देती हैं, तो नुकसान ( harm) पहुँचने में भी सक्षम हैं। यहाँ एक विशेष ध्यान देने वाली बात ये है, जब कोई Physician किसी Patient को दवाएँ देता है तो कई सिद्धांतों को ध्यान में रखता है, जिससे होमियोपैथिक दवाओं से साइड इफ़ेक्ट होने की संभावना बहुत कम हो जाती हैं और कह दिया जाता है कि इनसे कोई दुष्प्रभाव (Side Effect) नहीं होता है परन्तु मनमाने तरीके से अथवा अधिक मात्रा में लेने से ये दवाएँ भी हानि पंहुचा सकती हैं।
होमियोपैथी से झाइयाँ का पूर्ण इलाज संभव
कहने का आशय मात्र इतना है, कि होमियोपैथिक दवाएं, Nano technology पर आधारित हैं और अत्यधिक सूक्ष्म होती हैं अतः सिर्फ किसी पुस्तक से पढ़कर या इंटरनेट से देखकर, खुद से कोई होमियोपैथिक दवा उपयोग न करें। होमियोपैथी में किसी भी बीमारी की कोई Fixed Medicine नहीं होती। तकलीफ या बीमारी के लक्षण और उनकी Intensity बदलते ही दवा बदल जाती है।
ये भविष्य की चिकित्सा विधा (Medical Science)
है इसिलए अभी तक इसे सही पहचान नहीं मिल पायी है।
जो जितना बारीक और सूक्ष्म होता है, अनुचित उपयोग
किये जाने पर, उतना ही अधिक हानिकारक हो सकता है पर समस्या ये है, कि समाज में जो विचारधारा
एक बार चल जाती है, वो आसानी से नहीं बदलती। जब कोई विचार बार बार दुहराया जाता है,
तो मन में बहुत गहराई तक बैठ जाता है और सत्य मन लिया जाता है। इसी कारण ये मिथक फैल
गया है कि होमियोपैथिक दवाओं से कोई Side effect नहीं होता।
Medical officer (Hom)
drcpyadav31@gmail.com
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