होमियोपैथी से किसी भी बीमारी का इलाज नहीं होता है By Dr C P Yadav

किसी भी बीमारी के इलाज के लिए अनेक चिकित्सा विधियाँ हैं जैसे आयुर्वेद, एलोपैथी, यूनानी, नेचुरोपैथी आदि। अन्य सभी चिकित्सा विधाओं की तरह ही होमियोपैथी के भी अपने कुछ सिद्धांत हैं जो उसे अन्य से अलग करते हैं। उन्ही में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण सूत्र है की -"रोग का नहीं वरन रोगी के उपचार करो।" 

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There is no treatment of any disease in homeopathy.... 

पहली बार सुनने में बड़ा ही अटपटा सा लगता है, पर यही सत्य है।  होमियोपैथी से किसी भी Disease का इलाज संभव ही नहीं है पर Homeopathic Physician तो अनेक बीमारियाँ ठीक करने की बातें करतें हैं ? क्या उनकी बातें सच नहीं हैं ? आइये होमियोपैथी को थोड़ा Detail में समझते हैं।

Homeopathy & its principles

हर चिकित्सा विधा (Medical Science) के अपने इलाज करने के तरीके हैं, कुछ सिद्धांत हैं जो उसे अन्य से अलग करते हैं। होमियोपैथी के अलावा अन्य सभी चिकित्सा विधियों से बीमारियों का इलाज संभव है पर होमियोपैथी में किसी भी रोग का कोई इलाज है ही नहीं।

बीमारी का इलाज करने का मतलब है प्रत्येक रोग की दवा की उपलब्धता हो। जैसे कोई Fever का नाम ले तो उसकी दवा हो, माइग्रेन की दवा हो, Kidney Stone की कोई दवा हो, Liver Problems की दवा हो, कैंसर की दवा हो आदि आदि। होमियोपैथी में ऐसा नहीं होता। 

जब भी कोई किसी भी बीमारी से पीड़ित होकर Homeopathic Physician के पास आता है तो चिकित्सक उस बीमारी का नाम सुनकर दवा नहीं देता बल्कि उस patient से कई सवाल पूछता है, मसलन बीमारी कब से है, कैसे शुरू हुई, क्या-क्या तकलीफ है, किस वक़्त ज्यादा problem होती है, कैसे आराम मिलता है, साथ ही व्यव्हार के बारे में भी जाँच पड़ताल है कि बीमारी के कारण उस के स्वभाव में कोई बदलाव तो नहीं हुआ, उसका वास्तविक स्वाभाव कैसा है मतलब वो बीमारी के पहले कैसा था ? 

इस तरह की अनेक अनेक बातें जानने के बाद, सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर फिजिशियन दवा देता है जिससे बीमारियाँ ठीक होतीं हैं।

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Homeopathy treat the Man but not Disease

कहने का आशय यह है कि होमियोपैथिक चिकित्सक मात्र बीमारी का नाम जानकर उपचार नहीं कर सकता है, किसी भी तकलीफ का इलाज करने के लिए वो पहले सारे Symptoms को Individualize करता है, फिर उपचार करता है। होमियोपैथी का सिद्धांत है कि रोग का नहीं, बल्कि रोगी का उपचार करना है।

Theory of Individualization-

दुनिया में हर व्यक्ति अलग अलग है अतः इलाज के लिए दवाएं भी अलग होनी चाहिए। किसी भी दो लोगों की बीमारी एक जैसी नहीं होती तो उनका इलाज एक ही दवा से कैसे हो सकता है? उदहारण के लिए Fever की बात करें। दो लोगों को Fever हुआ तो दोनों में तकलीफें अलग अलग होंगी और Fever शुरू होने का Reason भी सब में अलग अलग होता है। 
किसी को Fever ठण्ड लगने के कारण हो जाता है तो किसी को लू लगने से। किसी चोट या Infection की वजह से भी Fever हो सकता है। किसी को Fever के साथ ठण्ड अधिक लगती है, किसी को नहीं। किसी को Fever के दौरान प्यास ज्यादा लगने लगती है, तो किसी को पसीना (Sweating) अधिक होने लगती है। किसी को Fever के साथ Headache होता है, किसी को Body ache, तो किसी को weakness हो सकती है। 


शारीरिक लक्षणों के साथ ही Fever के दौरान, patient के मानसिक लक्षण भी अलग अलग मिलते हैं। कोई फीवर के दौरान Excited होगा, कोई Irritable मिलेगा, तो कोई सामान्य और शांत । 
ये तो मात्र Fever का उदहारण था लेकिन ऐसा हर बीमारी में होता है। हर बीमारी, हर व्यक्ति में भिन्न भिन्न Physical & Mental Symptoms show करता है। ये सारी बातें सिद्ध करतीं हैं, कि किसी भी दो व्यक्ति की बीमारी एक जैसे नहीं होती अतः होमियोपैथी में बीमारी नहीं वरन बीमार व्यक्ति के सभी लक्षणों को एक साथ देखा, समझा और Treat किया जाता है।

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Dr Hahnemann & Homeopathy

जब होमियोपैथी की शुरुआत हुई तो डॉक्टर हैनिमन और समकालीन डॉक्टर्स स्वयं ही दवाएँ बनाते थे। बाद में दवा निर्माता कंपनियों ने होमियोपैथिक दवाएँ बनाना और बेचना शुरू किया। यही सिलसिला आगे बढ़ता रहा और अब Pharma Companies खुद ही अनेक बीमारियों के नाम से दवायें बनाने लगी है, कि ये फला रोग की दवा है और ये फला की, जबकि सभी जानते हैं कि होमियोपैथी में किसी भी बीमारी की कोई Fixed Medicine नहीं होती। 
यदि किसी ने होमियोपैथी को गहराई से समझे बगैर, मात्र बीमारी का नाम पूछकर उपचार करने का प्रयास किया तो तो बहुत सम्भावना है की दवा से पर्याप्त रिजल्ट नहीं मिलेगा अथवा आधा अधूरा लाभ मिलेगा जिससे होमियोपैथी पर अविश्वास बढ़ेगा और Blame लगेगा कि होमियोपैथी धीरे धीरे कार्य करती है ।
जरा विचार करें यदि मात्र बीमारी का नाम सुनकर होमियोपैथिक दवाएं देना है तो 5.5 वर्ष होमियोपैथी की पढ़ाई में ख़राब करने की क्या आवश्यकता है? ये काम तो कोई भी आसानी से कर सकता है ? सच है कि होमियोपैथी Rocket Science तो नहीं है, पर इतनी आसान भी नहीं है कि बिना इसकी बारीकियों को समझे, सही Treatment किया जा सके।

Homeopathy is most advanced medical science 
Homeopathic medical store पर ऐसी पुस्तकें मिल जाती है जिनमें अनेक बीमारियों और उनका होमियोपैथिक इलाज लिखा होता है। लोग इन्हे पढ़कर खुद से इलाज करने लगते हैं क्योंकि जग जाहिर है कि होमियोपैथी से कोई Side Effect नहीं होता है। 
ऐसी होमियोपैथी जिनकी दवाओं का Action नैनो टेक्नोलॉजी के युग में भी Explain करना आसान नहीं है। वो होमियोपैथी जिसके बारे में ओशो कहते थे कि ये मनोमय कोष (Mental Body) पर कार्य करती है। ऐसी विस्तृत होमियोपैथी जिसमें पूरा जीवन लगा देने के बाद Homeopathic Physician कहते हैं कि “मैं अब इसे थोड़ा थोड़ा समझने लगा हूँ”, उस होमियोपैथी को कोई मात्र 1-2 पुस्तकें पढ़कर कोई कैसे समझ सकता है और इलाज कर सकता है?


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Homeopathy & Miracle

होमियोपैथी जिन आश्चर्यजनक लाभ के लिए विख्यात है वो तब होता है जब Homeopathic Physician बहुत Carefully और Attentively Cases को देखता है। मात्र Homeopathic medical store से दवाये खरीद लेने से दवाये होमियोपैथिक नहीं हो जाती, बल्कि होमियोपैथी तब होती है जब उन्हें होमियोपैथिक सिद्धांतों के अनुसार दिया जाता है।

Conclusion

Finally, सभी बातों को Summarize करतें हैं - Homeopathy Treat the Man, not Disease मतलब होमियोपैथी से बीमार का इलाज किया जाता है, न कि किसी बीमारी का।

होमियोपैथी में किसी भी बीमारी की कोई Fixed Medicine नहीं होती। तकलीफ या बीमारी के लक्षण और उनकी Intensity बदलते ही दवा बदल जाती है।


     thank you
                                                                                          Dr C. P. Yadav
                                                                                Medical Officer (Hom)
                                                                           drcpyadav31@gmail.com

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