किसी से पूछिए
अथवा पेट की कोई भी दिक्कत हो सभी एक मत से सलाह देते है कि ज्यादा पानी पिया करो।
कितनी सही है ये advice? सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि सामान्यतः एक व्यक्ति को कितना
पानी दिन भर में पीना चाहिए ?
इसे निर्धारित
नहीं किया जा सकता, न ही कोई fixed criteria बनाया जा सकता है क्योंकि पानी की
जरुरत हर व्यक्ति में अलग अलग है। जो लोग कम पानी पीते है उन्हें वास्तव में कम
पानी की ही आवश्यकता होती है साथ ही खाये गए अन्य तरलपदार्थों (fluids) से भी पानी
की जरुरत पूरी होती रहती है। उदाहरण के लिए इस बात को ऐसे समझ सकते हैं कि धान के पौधे को अधिक पानी चाहिए जबकि गेंहू
की फसल को कम। similarly हर व्यक्ति की पानी की जरुरत (need) भी अलग है। अतः जब प्यास लगे तो पानी पिएं, जितनी प्यास उतना पिएं, इसका कोई
मानक नहीं हो सकता।
कैसे
पियें
- पानी हमेशा धीरे धीरे पिएं।
बेहतर हो यदि पानी घूँट- घूँट पिएं
ताकि हर घूँट में लार (saliva) मिलता रहे। साथ ही ऐसा से करने पानी थोड़ा गरम हो कर
शरीर के अनुकूल हो जाता है।
कब
पियें
– 1.कुछ लोग मानते हैं कि हर घंटे, दो घंटे में पानी पीते रहना चाहिए चाहे प्यास न
भी लगी हो पर ये मान्यता
सही नहीं है अतः
अतः अपनी जरुरत
के अनुसार जब प्यास हो और जितनी प्यास हो उतना पानी पीएं।
2. सुबह बासी मुँह पानी पीना अत्यधिक लाभप्रद
है। आयुर्वेद में इसकी बहुत प्रशंशा की जाती है।
3. संभव हो तो सर्दियों में गुनगुना पानी
पीएं।
कब न
पियें
– 1. प्रयास करें कि भोजन के साथ कम से कम पानी पीना पड़े और आहार के कुछ समय पश्चात्
लगभग आधे- पौन
घंटे के बाद ही पानी पिएं। ऐसा करने से पेट की तमाम परेशानियों में भी राहत मिलेगी।
2. gym या एक्सरसाइज के दौरान थोड़ा पानी ही
पिएं।
3. धूप से आकर तुरंत पानी न पिएं।
अधिक पानी पीना भी हो सकता है नुकसानदायक - कहावत है कि अति
सर्वदा वर्जयेत अर्थात जरुरत से ज्यादा हर चीज नुकसान करती है। शरीर को पानी की
जितनी आवश्यकता उतना ही रखता है और अधिक होने पर बाहर कर देता है। लोग सोचते हैं
कि ज्यादा पानी पीने से पेट ठीक रहेगा। पर ऐसा नहीं है। ज्यादा पानी पीने से किडनी
को अधिक परिश्रम करना पड़ता है साथ ही रक्त (blood) में सोडियम का स्तर कम होने से कई
शारीरिक परेशानियों जैसे थकान, उबकाई (nausea) या उलटी (vomiting) आदि की शिकायत
हो सकती है।
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