इस Article में सोरियासिस के बारे में कम्पलीट जानकारी दी गयी है। सोरियासिस क्या है, कितने तरह की होती है, इसके लक्षण क्या क्या है, ये कैसे होती है, सोरियासिस में क्या खाएं और क्या न खाएं, सोरायसिस होने पर स्किन की देखभाल कैसे करें, और लास्ट में, इस Article का सबसे इम्पोर्टैंट पार्ट यानि सोरियासिस की Homeopathic Medicine के बारे में बताया गया है।
होमियोपैथी से झाइयाँ का पूर्ण इलाज संभव
सोरियासिस (Psoriasis in Hindi)-
सोरियासिस एक Chronic और Non Contagious Skin Disease जो छूने से, एक दूसरे को नहीं फैलती है। ये Autoimmune Disease है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस बीमारी में Skin पर एक लाल रंग की मोटी परत बन जाती है, जो चकत्ते की तरह दिखती है। इन चकत्तों में खुजली के साथ दर्द, जलन और सूजन भी महसूस हो सकती है।
यह शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकती है, लेकिन Knee, Elbow, Scalp,
Back पर इसका असर सबसे पहले और ज्यादा देखने को मिलता
है। सर्दियों के ठण्ड वाले मौसम में, ये समस्या कुछ
ज्यादा ही बढ़ जाती है।
सोरायसिस रोग के लक्षण (Psoriasis Symptoms In Hindi)
सामान्यतः सोरायसिस होने पर ये लक्षण दिखाई देते हैं -
त्वचा पर Red Spots बनना
Red Spots पर Dead Skin की सफेद पपड़ी होना
Skin Dry होने से उसमें Cracks पड़ना और Bleeding होना
Psoriatic Spots के Around Itching और Burning होना
Nails Thick होना और उनमें Dark Spots पड़ जाना
Joints में Pain और Swelling होना
Types Of Psoriasis -
प्लेक सोरायसिस (Plaque Psoriasis)-
ये एक सामान्य
तरह की सोरायसिस है। ज्यादातर लोग इसी सोरायसिस Type से पीड़ित और प्रभावित देखे जाते
हैं। इसमें त्वचा मोटी, लाल व धब्बेदार हो जाती है। साथ
ही त्वचा पर Silver के रंग जैसी सफेद पपड़ी (White Crust) उभर आती है।
गटेट सोरायसिस (Guttate Psoriasis)-
यह अक्सर कम उम्र के बच्चों में होती है। इससे प्रभावित त्वचा पर प्लेक सोरायसिस की तरह मोटी परतदार नहीं होती है। अनेक Patient में यह अपने आप, या इलाज से, कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाती है। कभी-कभी ये प्लाक सोरायसिस में भी परिवर्तित हो जाती है।
पस्चुलर सोरायसिस (Pustular Psoriasis)-
ये तब की स्टेज है जब Psoriasis के चकत्तों में Pus बनने लगे। यह ज्यादातर हाथों और पैरों में होता है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
स्कैल्प सोरायसिस (Scalp Psoriasis)-
सोरायसिस का यह प्रकार भी बहुत आम है। यह पूरे सिर में होने के साथ साथ, गर्दन और आपके माथे पर भी हो सकते हैं। इससे प्रभावित लोगों के सिर में Dandruff की तरह रूसी निकलती है, पर डैंड्रफ नहीं है।
इन्वर्स सोरायसिस (Inverse Psoriasis)
ये प्रायः
Skin Fold (जहाँ से स्किन मुड़ती है) की जगहों जैसे Arm Pit, Groin और Under Side
Of Breast पर होता है।
सोरियाटिक अर्थराइटिस (Psoriatic
Arthritis)-
इसमें सोरायसिस
के साथ ही अर्थराइटिस के Symptoms भी मिलते हैं, मतलब Skin
Problem के साथ ही ऐसे Patient को Joint Pain, Swelling और Stiffness आदि का सामना
भी पड़ता है। अगर समय रहते इन Joint Affection का समाधान न किया गया, तो Permanent
Joint Damage तक हो सकता है।
एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस (Erythrodermic Psoriasis)-
ये सबसे कम मिलने वाली सोरायसिस टाइप है जहाँ Affected Areas में Redness के साथ Severe Itching एवं Burning भी बनी रहती है।
सोरायसिस में क्या खाएं (Diet In Psoriasis In Hindi) -
स्वस्थ रहने के लिए और बीमारियों से बचाव हेतु हरी पत्तेदार सब्जियां,
दाल, फल,आदि का नियमित उपयोग करना चाहिए। बीमारियों से लड़ने और रोग प्रतिरोधक क्षमता
बढ़ाने में इनका बहुत योगदान रहता है। इन खाद्य पदार्थों में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory)
गुण होते हैं । Packed Food और Packed Juice का सेवन बिलकुल न करें और आसानी से
पचने योग्य भोजन का ही सेवन करें। सोरायसिस से पीड़ित लोगों को बहुत खट्टे खाद्य पदार्थों
का सेवन नहीं करना चाहिए। Smoking और Alcohol बिलकुल उपयोग ना करें।
सोरायसिस रोग में त्वचा की देखभाल (Skin Care For Psoriasis In Hindi)-
सोरायसिस से पीड़ित लोगों को अपनी त्वचा को विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए।
सोरायसिस के पेशेंट को धूप में बैठने से राहत मिलती है। सूर्य से आने वाली Ultra Violet
B Light से सोरायसिस की Growth स्लो हो जाती है, जो पेशेंट के लिए लाभकर है, पर ध्यान
रहे, ज्यादा देर धूप में रहने से Problem बढ़ भी सकती है। सोरायसिस में एक सुरक्षित
सीमा तक सूरज की रोशनी में रहना अच्छा हो सकता है।
सोरायसिस होने के कारण (Psoriasis Causes In Hindi)-
इस रोग के होने का Exact Cause अभी तक ज्ञात नहीं है पर Tension,
Stress, Emotional Upset आदि इस बीमारी के होने के लिए पृष्ठभूमि तैयार करते हैं। इसके आलावा-
Ø Medicine
के Side Effects
Ø बहुत कम
धूप में रहना या
Ø बहुत
अधिक धूप में रहना
Ø और Weak
Immunity भी सोयरायसिस के लिए जिम्मेवार मानी जाती है
सोरियासिस का होमियोपैथिक इलाज (Psoriasis Homeopathic Treatment in Hindi)-
सोरियासिस के इलाज के लिए Homeopathy
एक बेहतर choice of treatment है, क्योंकि इससे पेशेंट को कुछ ऐसे लाभ मिलते हैं जो
किसी अन्य ट्रीटमेंट से नहीं मिल सकते हैं जैसे -
1.
Homeopathy से सोरायसिस जैसी Complex disease का उपचार, बिना किसी साइड
इफ़ेक्ट संभव है।
2.
Homeopathy से ठीक होने के पश्च्यात रोग के दुबारा होने की संभावना
बहुत कम रहती है क्योंकि
3.
Homeopathic medicine, बगैर किसी
External application के यानि स्किन पर किसी भी तरह की कोई क्रीम या मलहम लगाए बिना
ही सोरायसिस को अंदर से ठीक कर देती है।
4. सोरायसिस के इलाज में दी जाने वाली मेडिसिन, patient to patient, differ करती हैं। किस पेशेंट को कौन सी दवा देनी है, जिससे उसे लाभ मिल सके, ये उसके बीमारी के लक्षण और उसकी Intensity पर depend करता है। इसीलिए कोई भी Homeopathic Physician सभी तरह की सोरायसिस की problems के लिए किसी एक medicine का नाम नहीं बता सकता है, जिस पेशेंट को जिस तरह की परेशानी होगी, उसे उसी के according मेडिसिन दी जाएगी जैसे –
- बच्चों में सोरियासिस होने पर Calceria Carb, Cuprum Met, Sepia, और Staphysagria, आदि Medicine का उपयोग किया जाता है
- जब सोरियासिस बहुत लम्बे समय से हो तो- Cuprum Aceticum, Cuprum Metalicum, और Hydrastis आदि Medicine का उपयोग किया जाता है
- जब सोरियासिस के स्पॉट्स ने स्किन के बड़े एरिया को कवर किया हो तो Arsenic-Iodatum, Arsenic Album, Cicuta Verosa, Clematis Erecta, और Dulcamara आदि Medicine का उपयोग किया जाता है
- जब कभी ये कारण स्पस्ट मिले की सोरियासिस की शुरुआत Fear (डरने) की वजह से हुई है तो Mancinella से जरूर राहत मिलेगी
- जब कभी Grief या Emotions के Suppressed होने के कारण सोरियासिस की शुरुआत हुई है तो Staphysagria
- जब सोरियासिस के साथ ही Bone Pain की शिकायत भी मिली तो Phytolacca
- जब सोरियासिस के साथ ही Head Pain की शिकायत भी मिली तो Iris Versicolor
- जब सोरियासिस की Scale में बहुत Shinning मिले तो Iris Versicolor
- जब सोरियासिस बहुत इलाज के बाद भी ठीक न हो रही हो तो Kali-Ars. Manganum Aceticum, Sepia और Silisea आदि मेडिसिन जरूर राहत देंगी।
सोरियासिस के इलाज में दी जाने वाली homeopathic मेडिसिन, इतने पर ही
सीमित नहीं है। अक्सर ऐसे Cases से सामना होता है जब, ऊपर बताई गयी, कोई भी मेडिसिन
इंडिकेटेड नहीं होती, तब Physican को अपने अनुभव के आधार पर और पेशेंट के स्वभाव बारें
में अच्छे से जान समझकर मेडिसिन देनी पड़ती है ताकि सोरियासिस Permanently Cure
हो
जाय।
Medical Officer (Hom)
drcpyadav31@gmail.com
No comments:
Post a Comment